आस्टियोपोरोसि आयुर्वेदिक घरेलू उपचार व बचाव

हड्डियों के भंगुर( कमजोर ) होने की बीमारी है जिसमें असामान्य रुप से अस्थि ऊतक का नुकसान होता है जिससे हड्डियां छिद्रपूर्ण और कमजोर हो जाती हैं। जब हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है, उनमें हल्की सी भी चोट लगने से और उठाने और झुकने से भी फ्रेक्चर हो सकता है। हड्डी हानि के लिए आम जगहें रीढ़, कूल्हे और कलाई हैं। आस्टियोपोरोसिस महिलाओं में आम है, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद, लेकिन यह पुरुषों को भी उम्र के साथ प्रभावित करता है। इस रोग का प्रमुख कारण कुपोषित आहार है जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी कम हो और व्यायाम की कमी है।

गेहूं के जवारे का जादुई लाभ पढ़ें और जीवन में अपनाएँ

गेहूं की हरियाली को ही गेहूं के जवारे कहतें हैं । औषधीय रूप से इन्हें उगाने का विशेष तरीका होता है :-
नौ खाली गमले ले या घर में गमले न हो तो नौ छोटी छोटी गमलों के क्षेत्र की क्यारियाँ बना ले , पहले दिन एक क्यारी में गेहूं के बीज बो दें दूसरे दिन द
ूसरी क्यारी में , तीसरी, चौथी से लेकर हर दिन नौ क्यारियों या गमले में गेहूं बोना है । अब दसवें दिन पहले वाली क्यारी या गमले की हरियाली(जवारे)को उखाड़ कर धों लें और उन्हें जूस निकाल कर या कच्चे ही खा सकतें हैं ,फिर उसमे गेहूं के बीज दाल देनें हैं , दूसरे दिन, यही क्रिया और इसे दोहराते जाए इसे आप चाहें तो कम से कम दो महीने तक कर सकते हैं । इसके बराबर ताकतदार चीज कुछ भी नही है । 
लाभ:-
1. 11 times more calcium than milk.
2. 7 times more vitamins C and bioflavonoids than oranges.
3. Nutrients & heavy metals in the blood.
4. 5 times more iron than spinach.
5. Contains 80mg vitamins B12 per 100 gram. 
6. Has ant -inflammatory and anti-ulcer properties.
7. Contains all eight of the essential amino-acids. 
8. Stimulates DNA repair of the cells preventing changes that often le


सौजन्य-सी पी कंडवाल

तुलसी के फायदे..सेवन का तरीका व सावधानियां

आइये जानते हैं तुलसी के फायदे...

1. तुलसी रस से बुखार उतर जाता है। इसे पानी में मिलाकर हर दो-तीन घंटे में पीने से बुखार कम हो जाता है।

2. कई आयुर्वेदिक कफ सिरप में तुलसी का इस्तेमाल अनिवार्य है।यह टी.बी,ब्रोंकाइटिस और दमा जैसे रोंगो के लिए भी फायदेमंद है।

3. जुकाम में इसके सादे पत्ते खाने से भी फायदा होता है।

4. सांप या बिच्छु के काटने पर इसकी पत्तियों का रस,फूल और जडे विष नाशक का काम करती हैं।

5. तुलसी के तेल में विटामिन सी,कैरोटीन,कैल्शियम और फोस्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं।

6. साथ ही इसमें एंटीबैक्टेरियल,एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण भी होते हैं।

7. यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है।साथ ही यह पाचन क्रिया को भी मज़बूत करती हैं।

8. तुलसी का तेल एंटी मलेरियल दवाई के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। एंटीबॉडी होने की वजह से यह हमारी इम्यूनिटी भी बढा देती है।

9. तुलसी के प्रयोग से हम स्वास्थय और सुंदरता दोनों को ही ठीक रख सकते हैं।

चाय के दुस्प्रवाह व हर्बल चाय के फायदे

सिर्फ दो सौ वर्ष पहले तक भारतीय घर में चाय नहीं होती थी। आज कोई भी घर आये अतिथि को पहले चाय पूछता है। ये बदलाव अंग्रेजों की देन है। कई लोग ऑफिस में दिन भर चाय लेते रहते है., यहाँ तक की उपवास में भी चाय लेते है! किसी भी डॉक्टर के पास जायेंगे तो वो शराब - सिगरेट - तम्बाखू छोड़ने को कहेगा , पर चाय नहीं, क्योंकि यह उसे पढ़ाया नहीं गया और वह भी खुद इसका गुलाम है. परन्तु किसी अच्छे वैद्य के पास जाओगे तो वह पहले सलाह देगा चाय ना पियें। चाय की हरी पत्ती पानी में उबाल कर पीने में कोई बुराई नहीं परन्तु जहां यह फर्मेंट हो कर काली हुई सारी बुराइयां उसमे आ जाती है। आइये जानते है कैसे? अंत में विकल्प ज़रूर पढ़ लें: -